नए संसद भवन को लेकर कलह, PM मोदी का उद्घाटन करना सही या गलत ? SC में आज सुनवाई


नई दिल्ली। नई संसद पर राजनीतिक दृष्टिकोण-पुथल जारी है। विपक्षी पार्टियों के नेताओं के बीच नई संसद के उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा मायके से सत्ता पर काबिज होने के कारण सियासी दंगल चल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप यह मामला देश की सर्वोच्च न्यायालय में सर्वोच्च न्यायालय में स्थापित हुआ है। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राष्ट्रपति की संभावना सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचने की संभावना है। इस विषय पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के ग्राह ने जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक सुनवाई आज सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 5 में होगी।

supreme court

इस याचिका की सुनवाई पर न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और पी एस नरसिम्हा विचार करेंगे। याचिका को एडवोकेट सी आर जयासुकिन ने दाखिल किया है।

जब से नए संसद भवन के उद्घाटन की तारीख सामने आई है, तभी से कई विरोधी दल के पीएम मोदी से इसके उद्धाटन पर सवाल उठा रहे हैं और इसी वजह से नाराजगी में समारोह में नहीं जाने का फैसला किया है। कम से कम 21 पार्टियां ऐसी हैं, जिन्होंने नई संसद के उद्घाटन समारोह से दूरी बनाने का फैसला किया है। विपक्षी पार्टियों की तरफ से न सिर्फ समारोह के बहिष्कार की योजना है बल्कि कई बेसिर फुट की बातें भी कही जा रही हैं।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तो ये तक कह दिया कि उनकी सरकार बनी तो संसद दूसरे काम के लिए इस्तेमाल करेगी। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने इस पर जवाब दिया और कहा, “देश में सपने देखने पर कोई पाबंदी नहीं है। 2024 में भी देश की जनता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएगी। किसी भी तरह से संसद को राजनीति का आखाड़ा बनाना गलत है लेकिन ये क्या बयान है कि हम सत्ता में आए तो ये करेंगे, हम वो करेंगे, देश उन्हें मौका देने वाला नहीं।”

ऐसा होगा नया संसद भवन

 

 



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